शरीर के हर अंग के इलाज के लिए कुदरत में मौजूद हैं उसी आकार के फल, सब्जी और अनाज। कुदरत का करिश्मा है कि हमें ऐसे फल - सब्जी और अनाज मिले हैं जिनके सेवन से हम खुद को सेहतमंद रख सकते हैं और हमें दवा की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
यह प्राचीन मान्यता है कि हम जैसा खाते हैं वैसा ही होते हैं, इसलिए सदियों से सात्विक भोजन पर जोर दिया जाता रहा है। अब आधुनिक शोधों से पता चल रहा है कि ये मान्यताएं बिल्कुल सही हैं।
रोज अखरोट खाने से दिमाग तेज होता है लेकिन हमने कभी यह नहीं सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? क्योंकि उसका आकार दिमाग की तरह होता है। यही कुदरत का करिश्मा है कि हमारे आसपास ऐसे फल अनाज और सब्जियां हैं जिनका आकार हमारे शरीर के किसी न किसी अंग से मिलता है और उन्हें खाने से शरीर विशेष की बीमारी होने का जोखिम कम किया जा सकता है ! यही नहीं - अगर बीमारी हो जाए तो उसके ठीक होने की संभावना भी होती है।
गाजर और रोशनी का रिश्ता- हम गाजर काटकर देखें तो यह बिल्कुल आंखों के बीच के गोल हिस्से की तरह दिखता है, तभी तो इसे खाने से आंखों की रोशनी ठीक रहती है, इसमें विटामिन और बीटा केरोटीन जैसे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो आंखों की रोशनी को खराब होने से बचाते हैं।
संतरे को बीच से काटने पर जो आकृति उभरती है वह स्तन के मैमोग्राम से मिलती जुलती है, संतरे एवं साइट्रिक एसिड वाले इसी आकार के अन्य फलों में पाया जाने वाला लिमोनॉयड्स का प्रयोगशाला में जानवरों पर प्रयोग सफल रहा है और इससे कैंसर का असर करने में मदद मिली है।
टमाटर को काटने पर उसके अंदर से भी दिल की तरह चैंबर निकलते हैं। वैज्ञानिक शोधों से साबित हुआ है कि इसमें पाए जाने वाले लाइकोपिन नामक पदार्थ के कारण टमाटर खाने वालों से दिल की बीमारियां दूर रहती हैं। टमाटर में थोड़ा मक्खन - घी या कोई भी फैट मिलाकर खाने से लाइकोपिन का असर दस गुना तक बढ़ जाता है।
अदरक के फायदे के कायल लोग इसके मुरीद हैं, लेकिन कई लोग इसके स्वाद के कारण इससे कोसों दूर रहना पसंद करते हैं। कभी ध्यान से अदरक को देखें, तो यह बिल्कुल आमाशय (स्टमक) की तरह दिखता है, इसके गुणों से हम सदियों से परिचित हैं, लेकिन यूएस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) तक ने इसका लोहा मान लिया है। इसकी सूची में अदरक के तेल को अजीर्ण और उल्टी में इस्तेमाल के लिए रामबाण बताया गया है।
क्या कभी हमने यह सोचा है कि राजमा और फ्रेंच बींस या इस परिवार के अन्य बींस का आकार किडनी की तरह क्यों होता है? क्योंकि इनके सेवन से किडनी सेहमंद रहती है। यहां तक कि एक बींस का नाम ही किडनी बींस है, इसमें फाइबर - मैग्नीशियम और पोटैशियम पाया जाता है।
फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है - जबकि मैग्नीशियम और पोटैशियम किडनी को स्टोन की समस्या से बचाता है
केला शायद दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला फल है और इसे कंप्लीट फूड भी कहा जाता है, लेकिन क्या हम यह जानते हैं कि इसके अंदर ट्रिप्टोफैन नामक एक प्रोटीन पाया जाता है जो केले के पचने के बाद सेरोटोनिन में बदल जाता है। यही सेरोटोनिन हमारे मूड को बूस्ट करता है, इसीलिए केला खाने से तनाव दूर होता है।
मशरूम को बीच से काटने पर यह बिल्कुल हमारे कान की तरह दिखता है !
कान से ऊंचा सुनने वालों में मशरूम के सेवन से सुधार देखने को मिला है। कान के अलावा यह हड्डियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें काफी मात्रा में विटामिन डी भी पाया जाता है।
पैंक्रियाज का हमारे शरीर में काफी अहम रोल होता है, इस अंग का आकार शकरकंद से काफी मिलता - जुलता है। शोध से पता चला है कि शकरकंद में पाया जाने वाले तत्व पैंक्रियाज के ग्लाइसेमिक इंडेक्स को ठीक रखते हैं जिससे यह अंग सामान्य रूप से काम करता है।
हमारे फेफड़े के अंदर अंगूर के आकार की कई थैलीनुमा ग्रंथियां होती हैं जो कॉर्बन डाइ ऑक्साइड और ऑक्सीजन के प्रवाह को नियंत्रित करती हैं, इन्हें एल्वियोली कहा जाता है।
अंगूर के सेवन से फेफड़े के संक्रमण और एलर्जी से होने वाली अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में फायदा मिलता है।
प्याज को काटकर सलाद के रूप में खूब खाया जाता है। लोग इसे अलग - अलग आकार में काटते हैं - लेकिन कभी गोलाकार काटकर देखने पर इसका आकार बिल्कुल कोशिकाओं से मिलता है। शोधों से पता चला है कि प्याज में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल कोशिकाओं के अपशिष्ट पदार्थों की सफाई करते हैं और उन्हें स्वस्थ रखते हैं !
ये कोशिकाएं ही जीवन का आधार हैं। कोशिकाओं से ही मिलकर ऊतक ( टिश्यू ) बनते हैं और कई टिश्यू मिलकर ऑरगन यानी अंगों का निर्माण करते हैं।
गुरुवार, 1 नवंबर 2018
शरीर के हर अंग के इलाज के लिए कुदरत में मौजूद हैं उसी आकार के फल, सब्जी और अनाज
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