बुधवार, 31 अक्टूबर 2018

@ बच्‍चे - युवा - बुजुर्ग _ महिला - पुरूषों के मूत्र विकार व उपचार !! * बच्चों को पेशाब ना उतारे तो स्नान घर में ले जाकर टूटी खोल दें - पानी गिराने की आवाज़ सुनकर बच्चे का पेशाब उतर जायेगा ! ==== * गर्भावस्‍था ~ यूरिन में असहनीय जलन .... # प्रेगनेंसी के दौरान किसी किसी महिला को धूप लगने जैसी यूरिन में जलन होती है ! इस समस्‍या का समाधान माञ इस हर्बल रेमेडी से ही संभव है ..... ! आपके अडोस - पड़ोस में इस समस्‍या से ग्रस्‍त कोई महिला हो तो उन्हें इस दवा के बारे मे बता पुण्‍य के भागी जरूर बने ..... '' रेवंदचीनी '' नाम की हर्बल ( जडी - बूटी ) किसी भी पंसारी या हर्बल विक्रय करने वाले के पास आसानी से मिल जाती है ..... सेवन विधि ..... रेवन्‍दचीनी को पीस पाउडर बना - 1 छोटा चम्‍मच पाउडर पानी में मिला 3 दिन सुबहा सुबहा समस्‍या ग्रस्‍त महिला को पिला दें ( समस्‍या का समाधान हो जायेगा ) .............. $ विशेष :- महिला अगर कमजोर हो यानि जिसका हिमोग्‍लोबीन 8 से 8.5 तक हो - उसे इसकी मात्रा थोड़ी कम करके दे देवें और 3 की जगहा 5 दिनों तक सेवन करवायें ! सिर्फ ये हर्बल इस परेशानी से गर्भवती को छुटकारा दिला सकती है ! ==== मूत्र विकार के अंतर्गत कई रोग आते हैं जिनमें मूत्र की जलन - मूत्र रुक जाना - मूत्र रुक - रुक कर आना - मूत्रकृच्छ और बहुमूत्र प्रमुख हैं ! यह सभी रोग बड़े कष्टदायी होते हैं - यदि इनका यथाशीघ्र उपचार न किया जाए तो घातक परिणाम भुगतने पड़ते हैं ! $ कारण :- यदि मूत्राशय में पेशाब इकट्ठा होने के बाद किसी रुकावट की वजह से बाहर न निकले तो उसे मूत्रावरोध कहते हैं ! स्त्रियों में किसी बाहरी चीज के कारण तथा पुरुषों में सूजाक - गरमी आदि से मूत्राशय एवं मूत्र मार्ग पर दबाव पड़ता है जिससे पेशाब रुक जाता है ! वृद्ध पुरुषों की पौरुष ग्रंथि ( प्रोस्टेट ग्लैंड ) बढ़ जाती है जिसके कारण उनका मूत्र रुक जाता है ! * मूत्रकृच्छ में पेशाब करते समय दर्द होता है - मूत्राशय में दर्द उत्पन्न होता है तो पेशाब रुक जाता है ! इसी प्रकार हिस्टीरिया ( स्त्री रोग ) - चिन्ता - सिर में चोट लग जाना - आमाशय का विकार - खराब पीना - आतशक - कब्ज - पौष्टिक भोजन की कमी आदि के कारण भी बार - बार पेशाब आता है ! $ पहचान :- * मूत्र की कमी या न निकलने से मूत्राशय फूल जाता है - रोगी को बड़ी बेचैनी होती है ! मूत्र बड़े कष्ट के साथ बूंद - बूंद करके निकलता है - कब्ज - मन्दाग्नि - अधिक प्यास - पेशाब अधिक आने - मूत्र पीला होने आदि के कारण रोगी को नींद नहीं आती ! वह दिन - प्रतिदिन कमजोर होता जाता है ! कमर - जांघों तथा पिंडलियों में दर्द होता है ! ==== * बहुमूत्र या महिलाओं का सोमरोग :- इमली का गूदा 5 ग्राम रात को थोड़े जल में भिगो दे, दूसरे दिन प्रातः उसके छिलके निकालकर दूध के साथ पीसकर और छानकर रोगी को पिला दे - इससे स्त्री और पुरुष दोनों को लाभ होता है ! मूत्र - धारण की शक्ति क्षीण हो गयी हो या मूत्र अधिक बनता हो या मूत्रविकार के कारण शरीर क्षीण होकर हड्डियाँ निकल आयी हो तो इसके प्रयोग से लाभ होगा ! ==== * 50 ग्राम प्याज के छोटे - छोटे टुकड़े काट फिर एक गिलास पानी में वह प्याज उबालकर छान लें ! अब उसमें थोड़ी - सी चीनी डालकर सेवन करें ! यह मूत्र रोगी के लिए बड़ा अच्छा नुस्खा है ! * पेशाब में जलन होना - पेशाब कम होना - दुर्गन्ध आना - पेशाब में दर्द तथा मूत्रकृच्छ ( रूक - रूक कर पेशाब आना ) में 1 गिलास अनानास का रस - एक चम्मच मिश्री डालकर भोजन से पूर्व लेने से पेशाब खुलकर आता है और पेशाब संबंधी अन्य समस्याएँ दूर होती हैं ! * मूत्र रोग संबंधी सभी शिकायतों यथा प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से पेशाब का रुक - रुक कर आना ~ पेशाब का अपने आप निकलना ( युरीनरी इनकाण्टीनेन्स ) - नपुंसकता - मूत्राशय की पुरानी सूजन आदि में गोखरू 10 ग्राम + जल 150 ग्राम + दूध 250 ग्राम को पकाकर आधा रह जाने पर छानकर नित्य पिलाने से मूत्र मार्ग की सारी विकृतियाँ दूर होती हैं ! ==== $ * मूत्र कृच्छ का उपचार :- कलमी शोरा - बड़ी इलायची के दाने - मलाई रहित ठंडा दूध व पानी ! कलमी शोरा व बड़ी इलायची के दाने महीन पीसकर दोनों चूर्ण समान मात्रा में मिला शीशी में भर लें ! एक भाग दूध व एक भाग ठंडा पानी मिला फेंट लें - इसकी मात्रा 300 एमएल होनी चाहिए ! एक चम्मच चूर्ण फांककर दूध पी लें ! यह पहली खुराक हुई - दूसरी खुराक दोपहर में व तीसरी खुराक शाम को लें ! दो दिन तक यह प्रयोग करने से पेशाब की जलन दूर होती है ! मुँह के छाले व पित्त सुधरता है - शीतकाल में दूध में कुनकुना पानी मिलाएँ ! ==== * पेशाब बंद हो जाने पर या दो तीन घंटे तक पैशाब नही आये तो 50 एम.एल. पानी में दो ग्राम कलमी शोरा डालकर मिलाये ! अब इस पानी में रुमाल या कोई सूती कपडा भीगो तर करके नाभि के निचे रख दे - पेशाब खुलकर आएगा ! एेसा एक हफ्ते करने से मूत्र मार्ग का अवरोध हमेशा के लिए दूर हो जाएगा ! ==== @ पेशाब का बार - बार आना :- * आंवले का रस - शहद से या अडूसे का रस जवाक्षार डालकर पीने से पेशाब का बार बार आना बन्द होता है ! * अगर एक चम्मच आंवले के रस में आधा चम्मच हल्दी और 1 चम्मच शहद मिलाकर खाये तो पूरा लाभ होता है ! * काले तिल भुने हुए 1/2 ( आधा ) किलो + आंवला 150 ग्राम इन दोनो में आवश्यकतानुसार देसी गुड ( गन्ने का ) मिला कर 15 या 20 ग्राम के लड्डू बना सुबह - शाम सेवन करें - इसे खाने के आधे घंटे तक पानी न पियें - बस आपकी समस्या जादू की तरह से गायब हो जाएगी ! ( बार - बार मूत्र ) ==== @ मूत्र कष्ट - पेशाब में रुकावट :- 5 मिनट में इलाज .... !!! अगर किसी भी कारण से पेशाब नहीं उतर रहा या बूँद बूँद उतर रहा हैं तो इसके लिए एक रामबाण इलाज हैं फिटकरी ... !! एक गिलास पानी में थोड़ी फिटकरी घोल कर पी ले ( फिटकरी इतनी घोल ले के पानी थोड़ा खारा सा हो जाए ) ~ 5 से 10 मिनट में पेशाब उतर आएगा वह भी बिना रुकावट के .... ! $ विशेष :- @ जिनके पथरी हैं वो भी ये प्रयोग करें तो 3 से 4 दिन में निकल जाएगी ! ये इलाज मैंने कई लोगो पर आजमाया हैं और पूर्ण सफलता पायी हैं ! ==== * 10 ग्राम बेल गिरी - 1 टूकडा दालचीनी और छोटी सी गांठ सौंठ की एक साथ कूट पीट दल लें ! इन्‍हे 150 ग्राम पानी में उबालें और 25 ग्राम के लगभग रह जाने पर ठंडा कर छान के पी लें ! दिन में इसी तरह 3 बार - हर बार इतनी ही माञा में बना सेवन करेंगे तो 2 ही दिन में बार बार मूत्र आने का कष्‍ट टल जायेगा ! ( अगर आमाश्‍ाय खराब नहीं तो 2 दिन में ही आपको आराम आ जायेगा लेकिन समस्‍या पुरानी है तो मेरा निवेदन है आप इसे 1 सप्‍ताह लगातार पी लें ! ) ==== * बहुमूत्र ( रात में बार बार पेशाब लगना ) ! 1 सप्ताह की दवाई - हर सप्ताह नया बना लें ! काला तिल - 100 ग्राम + अजवाइन 100 ग्राम दोनों को मिला कर मिक्सी में दरदरा पीस लें ! रात के खाने के 2 घंटे बाद - सोने के पहले 1 चाय की चम्मच भर गुनगुने या गरम पानी से फांक लें ! यदि दिन में भी बार बार पेशाब लगता हो तो सबेरे नाश्ते के बाद भी लें ! ==== * मक्के के भुट्टे ( कच्ची मक्का ) को पानी उबाल लें - फिर लगभग एक गिलास पानी छानकर उसमें मिश्री मिलाकर पी जाएं ! इससे पेशाब की जलन जाती रहती है ! * पेशाब की जलन दूर करने के लिए रात में तरबूज को ओस में रखें तथा सुबह उसका रस निकालकर मिश्री मिलाकर पी जाएं ! * एक गिलास पानी में 25 ग्राम जौ उबालें - फिर उसे ठंडा करके केवल पानी को घूंट - घूंट पिएं ! * लगभग चार चम्मच ईसबगोल की भूसी पानी में भिगो दें - फिर उसमें बूरा डालकर पी जाएं ! पेशाब की जलन शान्त हो जाएगी ! * चार चम्मच फालसे के रस में काला नमक डालकर पिएं - पेशाब की जलन जाती रहेगी ! * एक कप चावल का मांड़ लेकर उसमें चीनी मिलाकर पिएं ! * थोड़ा - सा बथुआ पानी में उबालें - फिर उसमें काला नमक - भुना जीरा - कालीमिर्च तथा जरा - सी शक्कर डालकर सेवन करें ! * एक कप अनार का शरबत सुबह नाश्ते के बाद सेवन करें ! * यदि पेशाब में जलन हो - खुलकर पेशाब न आए या बूंद - बूंद पेशाब हो तो पालक के एक कप रस में आधा कप नारियल का पानी मिलाकर पी जाएं ! * पीपल के वृक्ष की पांच कोंपलों को 1 ग्‍लास पानी में उबालें - जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर शक्कर डालकर पी जाएं ! * हरे आंवले के रस को पानी में मिलाकर पिएं - स्वाद के लिए जरा - सी शक्कर या शहद डाल लें ! * कलमी शोरा दो चम्मच तथा बड़ी इलायची के दानों का चूर्ण एक चम्मच - दोनों को मिलाकर सेवन करें ! * बेल के पत्तों को पानी में पीस लें - इसमें जरा - सी कालीमिर्च तथा दो चम्मच शहद मिलाएं - फिर घूंट - घूंट पी जाएं ! * प्रतिदिन सुबह एक कप गाजर के रस में नीबू निचोड़कर पिएं ! * गन्ने के ताजे रस में नीबू तथा सेंधा नमक मिलाकर पीने से मूत्र की जलन दूर होती है ! मूत्र खुलकर आता है ! * एक कप ककड़ी के रस में शक्कर मिलाकर सेवन करें ! * यदि पेशाब करते समय दर्द होता हो तो दूध में सोंठ और मिश्री मिलाकर सेवन करें ! * गुर्दे की खराबी के कारण यदि पेशाब बंद हो गया हो तो एक चम्मच मूली के रस में जरा - सा सेंधा नमक मिलाकर पी जाएं ! * अगर पेशाब में रक्त आता हो तो कुलफा के साग के पत्तों का रस चार - चार चम्मच की मात्रा में दिनभर में तीन बार पिएं ! * यदि पेशाब में रक्त आने की शिकायत हो तो एक चम्मच दूब के रस में जरा - सी नागकेसर मिलाकर सेवन करें ! - 6 माशा जवाखार में गुड़ मिला कर सेवन करें ! * नीबू के बीजों को पीसकर नाभि पर लेप करने से रुका हुआ पेशाब शीघ्र आने लगता है ! * केले के तने का रस चार चम्मच पीने से पेशाब आ जाता है ! * सुबह - शाम एक - एक चम्मच काले तिल चबाकर खाना चाहिए ! * आधा चम्मच अजवायन दिन में दो बार गुनगुने पानी से सेवन करें ! * आंवले के एक चम्मच रस में एक चुटकी हल्दी तथा आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें ! * अनन्नास की फांकों पर पीपल का चूर्ण डालकर खाएं ! * मसूर की दाल सुबह पकवाकर खाली पेट पिएं ! * सेब खाने से बार - बार पेशाब आना कम हो जाता है ! * काले तिल में गुड़ मिलाकर खाने से बहुमूत्र रोग ठीक हो जाता है ! * दो चम्मच पालक के रस में काला नमक डालकर सेवन करें ! * रात को दूध में छुहारा डालकर पिएं ! * 1 ग्राम जावित्री तथा 5 ग्राम मिश्री को गाय के दूध के साथ लें ! * भुने हुए चने खाने से बार - बार पेशाब जाने की हालत ठहर जाती है ! * 3 ग्राम खसखस के दाने थोड़े से गुड़ में मिलाकर खा जाएं ! * पके हुए केले को आंवले के रस के साथ सेवन करें - पहले केला खाएं - ऊपर से रस पी लें ! * सुबह - शाम 5 - 5 ग्राम पिसी हल्दी को दूध के साथ लेने से बहुमूत्रता की व्याधि खत्म हो जाती है ! $ क्या खाएं ~ क्या नहीं ..... ? उचित समय पर पचने वाला हल्का भोजन करें ! सब्जियों में लौकी - तरोई - टिण्डा - परवल - गाजर - टमाटर - पालक - मेथी - बथुआ - चौलाई - कुलफा आदि का सेवन करें ! दालों में मूंग व चने की दाल खाएं ! अरहर - मलका - मसूर - मोठ - लोबिया - काबुली चने आदि का सेवन न करें ! फलों में सेब - पपीता - केला - नारंगी - संतरा - ककड़ी - खरबूजा - तरबूज - चीकू आदि खाएं !

@ बच्‍चे - युवा - बुजुर्ग _ महिला - पुरूषों के मूत्र विकार व उपचार !!

* बच्चों को पेशाब ना उतारे तो स्नान घर में ले जाकर टूटी खोल दें - पानी गिराने की आवाज़ सुनकर बच्चे का पेशाब उतर जायेगा !
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* गर्भावस्‍था ~ यूरिन में असहनीय जलन ....
# प्रेगनेंसी के दौरान किसी किसी महिला को धूप लगने जैसी यूरिन में जलन होती है !
इस समस्‍या का समाधान माञ इस हर्बल रेमेडी से ही संभव है ..... !
आपके अडोस - पड़ोस में इस समस्‍या से ग्रस्‍त कोई महिला हो तो उन्हें इस दवा के बारे मे बता पुण्‍य के भागी जरूर बने .....
'' रेवंदचीनी '' नाम की हर्बल ( जडी - बूटी ) किसी भी पंसारी या हर्बल विक्रय करने वाले के पास आसानी से मिल जाती है .....
सेवन विधि ..... रेवन्‍दचीनी को पीस पाउडर बना - 1 छोटा चम्‍मच पाउडर पानी में मिला 3 दिन सुबहा सुबहा समस्‍या ग्रस्‍त महिला को पिला दें ( समस्‍या का समाधान हो जायेगा )
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$ विशेष :- महिला अगर कमजोर हो यानि जिसका हिमोग्‍लोबीन 8 से 8.5 तक
हो - उसे इसकी मात्रा थोड़ी कम करके दे देवें और 3 की जगहा 5 दिनों तक सेवन करवायें !
सिर्फ ये हर्बल इस परेशानी से गर्भवती को छुटकारा दिला सकती है !
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मूत्र विकार के अंतर्गत कई रोग आते हैं जिनमें मूत्र की जलन - मूत्र रुक जाना - मूत्र रुक - रुक कर आना - मूत्रकृच्छ और बहुमूत्र प्रमुख हैं !
यह सभी रोग बड़े कष्टदायी होते हैं - यदि इनका यथाशीघ्र उपचार न किया जाए तो घातक परिणाम भुगतने पड़ते हैं !

$ कारण :-
यदि मूत्राशय में पेशाब इकट्ठा होने के बाद किसी रुकावट की वजह से बाहर न निकले तो उसे मूत्रावरोध कहते हैं !
स्त्रियों में किसी बाहरी चीज के कारण तथा पुरुषों में सूजाक - गरमी आदि से मूत्राशय एवं मूत्र मार्ग पर दबाव पड़ता है जिससे पेशाब रुक जाता है !
वृद्ध पुरुषों की पौरुष ग्रंथि ( प्रोस्टेट ग्लैंड ) बढ़ जाती है जिसके कारण उनका मूत्र रुक जाता है !

* मूत्रकृच्छ में पेशाब करते समय दर्द होता है - मूत्राशय में दर्द उत्पन्न होता है तो पेशाब रुक जाता है !
इसी प्रकार हिस्टीरिया ( स्त्री रोग ) - चिन्ता - सिर में चोट लग जाना - आमाशय का विकार - खराब पीना - आतशक - कब्ज - पौष्टिक भोजन की कमी आदि के कारण भी बार - बार पेशाब आता है !

$ पहचान :-
* मूत्र की कमी या न निकलने से मूत्राशय फूल जाता है - रोगी को बड़ी बेचैनी होती है !
मूत्र बड़े कष्ट के साथ बूंद - बूंद करके निकलता है - कब्ज - मन्दाग्नि - अधिक प्यास - पेशाब अधिक आने - मूत्र पीला होने आदि के कारण रोगी को नींद नहीं आती !
वह दिन - प्रतिदिन कमजोर होता जाता है !
कमर - जांघों तथा पिंडलियों में दर्द होता है !
====
* बहुमूत्र या महिलाओं का सोमरोग :-
इमली का गूदा 5 ग्राम रात को थोड़े जल में भिगो दे, दूसरे दिन प्रातः उसके छिलके निकालकर दूध के साथ पीसकर और छानकर रोगी को पिला दे - इससे स्त्री और पुरुष दोनों को लाभ होता है !
मूत्र - धारण की शक्ति क्षीण हो गयी हो या मूत्र अधिक बनता हो या मूत्रविकार के कारण शरीर क्षीण होकर हड्डियाँ निकल आयी हो तो इसके प्रयोग से लाभ होगा !
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* 50 ग्राम प्याज के छोटे - छोटे टुकड़े काट फिर एक गिलास पानी में वह प्याज उबालकर छान लें !
अब उसमें थोड़ी - सी चीनी डालकर सेवन करें !
यह मूत्र रोगी के लिए बड़ा अच्छा नुस्खा है !
* पेशाब में जलन होना - पेशाब कम होना - दुर्गन्ध आना - पेशाब में दर्द तथा मूत्रकृच्छ ( रूक - रूक कर पेशाब आना ) में 1 गिलास अनानास का रस - एक चम्मच मिश्री डालकर भोजन से पूर्व लेने से पेशाब खुलकर आता है और पेशाब संबंधी अन्य समस्याएँ दूर होती हैं !
* मूत्र रोग संबंधी सभी शिकायतों यथा प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से पेशाब का रुक - रुक कर आना ~ पेशाब का अपने आप निकलना ( युरीनरी इनकाण्टीनेन्स ) - नपुंसकता - मूत्राशय की पुरानी सूजन आदि में गोखरू 10 ग्राम + जल 150 ग्राम + दूध 250 ग्राम को पकाकर आधा रह जाने पर छानकर नित्य पिलाने से मूत्र मार्ग की सारी विकृतियाँ दूर होती हैं !
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$ * मूत्र कृच्छ का उपचार :-
कलमी शोरा - बड़ी इलायची के दाने - मलाई रहित ठंडा दूध व पानी !
कलमी शोरा व बड़ी इलायची के दाने महीन पीसकर दोनों चूर्ण समान मात्रा में मिला शीशी में भर लें !
एक भाग दूध व एक भाग ठंडा पानी मिला फेंट लें - इसकी मात्रा 300 एमएल होनी चाहिए !
एक चम्मच चूर्ण फांककर दूध पी लें !
यह पहली खुराक हुई - दूसरी खुराक दोपहर में व तीसरी खुराक शाम को लें !
दो दिन तक यह प्रयोग करने से पेशाब की जलन दूर होती है !
मुँह के छाले व पित्त सुधरता है - शीतकाल में दूध में कुनकुना पानी मिलाएँ !
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* पेशाब बंद हो जाने पर या दो तीन घंटे तक पैशाब नही आये तो 50 एम.एल. पानी में दो ग्राम कलमी शोरा डालकर मिलाये !
अब इस पानी में रुमाल या कोई सूती कपडा भीगो तर करके नाभि के निचे रख दे - पेशाब खुलकर आएगा !
एेसा एक हफ्ते करने से मूत्र मार्ग का अवरोध हमेशा के लिए दूर हो जाएगा !
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@ पेशाब का बार - बार आना :-
* आंवले का रस - शहद से या अडूसे का रस जवाक्षार डालकर पीने से पेशाब का बार बार आना बन्द होता है !
* अगर एक चम्मच आंवले के रस में आधा चम्मच हल्दी और 1 चम्मच शहद मिलाकर खाये तो पूरा लाभ होता है !
* काले तिल भुने हुए 1/2 ( आधा ) किलो + आंवला 150 ग्राम इन दोनो में आवश्यकतानुसार देसी गुड ( गन्ने का ) मिला कर 15 या 20 ग्राम के लड्डू बना सुबह - शाम सेवन करें - इसे खाने के आधे घंटे तक पानी न पियें - बस आपकी समस्या जादू की तरह से गायब हो जाएगी ! ( बार - बार मूत्र )
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@ मूत्र कष्ट - पेशाब में रुकावट :- 5 मिनट में इलाज .... !!!
अगर किसी भी कारण से पेशाब नहीं उतर रहा या बूँद बूँद उतर रहा हैं तो इसके लिए एक रामबाण इलाज हैं फिटकरी ... !!
एक गिलास पानी में थोड़ी फिटकरी घोल कर पी ले ( फिटकरी इतनी घोल ले के पानी थोड़ा खारा सा हो जाए ) ~ 5 से 10 मिनट में पेशाब उतर आएगा वह भी बिना रुकावट के .... !
$ विशेष :-
@ जिनके पथरी हैं वो भी ये प्रयोग करें तो 3 से 4 दिन में निकल जाएगी !
ये इलाज मैंने कई लोगो पर आजमाया हैं और पूर्ण सफलता पायी हैं !
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* 10 ग्राम बेल गिरी - 1 टूकडा दालचीनी और छोटी सी गांठ सौंठ की एक साथ कूट पीट दल लें !
इन्‍हे 150 ग्राम पानी में उबालें और 25 ग्राम के लगभग रह जाने पर ठंडा कर छान के पी लें !
दिन में इसी तरह 3 बार - हर बार इतनी ही माञा में बना सेवन करेंगे तो 2 ही दिन में बार बार मूत्र आने का कष्‍ट टल जायेगा !
( अगर आमाश्‍ाय खराब नहीं तो 2 दिन में ही आपको आराम आ जायेगा लेकिन समस्‍या पुरानी है तो मेरा निवेदन है आप इसे 1 सप्‍ताह लगातार पी लें ! )
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* बहुमूत्र ( रात में बार बार पेशाब लगना ) !
1 सप्ताह की दवाई - हर सप्ताह नया बना लें !
काला तिल - 100 ग्राम + अजवाइन 100 ग्राम दोनों को मिला कर मिक्सी में दरदरा पीस लें !
रात के खाने के 2 घंटे बाद - सोने के पहले 1 चाय की चम्मच भर गुनगुने या गरम पानी से फांक लें !
यदि दिन में भी बार बार पेशाब लगता हो तो सबेरे नाश्ते के बाद भी लें !
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* मक्के के भुट्टे ( कच्ची मक्का ) को पानी उबाल लें - फिर लगभग एक गिलास पानी छानकर उसमें मिश्री मिलाकर पी जाएं !
इससे पेशाब की जलन जाती रहती है !
* पेशाब की जलन दूर करने के लिए रात में तरबूज को ओस में रखें तथा सुबह उसका रस निकालकर मिश्री मिलाकर पी जाएं !
* एक गिलास पानी में 25 ग्राम जौ उबालें - फिर उसे ठंडा करके केवल पानी को घूंट - घूंट पिएं !
* लगभग चार चम्मच ईसबगोल की भूसी पानी में भिगो दें - फिर उसमें बूरा डालकर पी जाएं !
पेशाब की जलन शान्त हो जाएगी !
* चार चम्मच फालसे के रस में काला नमक डालकर पिएं - पेशाब की जलन जाती रहेगी !
* एक कप चावल का मांड़ लेकर उसमें चीनी मिलाकर पिएं !
* थोड़ा - सा बथुआ पानी में उबालें - फिर उसमें काला नमक - भुना जीरा - कालीमिर्च तथा जरा - सी शक्कर डालकर सेवन करें !
* एक कप अनार का शरबत सुबह नाश्ते के बाद सेवन करें !
* यदि पेशाब में जलन हो - खुलकर पेशाब न आए या बूंद - बूंद पेशाब हो तो पालक के एक कप रस में आधा कप नारियल का पानी मिलाकर पी जाएं !
* पीपल के वृक्ष की पांच कोंपलों को 1 ग्‍लास पानी में उबालें - जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर शक्कर डालकर पी जाएं !
* हरे आंवले के रस को पानी में मिलाकर पिएं - स्वाद के लिए जरा - सी शक्कर या शहद डाल लें !
* कलमी शोरा दो चम्मच तथा बड़ी इलायची के दानों का चूर्ण एक चम्मच - दोनों को मिलाकर सेवन करें !
* बेल के पत्तों को पानी में पीस लें - इसमें जरा - सी कालीमिर्च तथा दो चम्मच शहद मिलाएं - फिर घूंट - घूंट पी जाएं !
* प्रतिदिन सुबह एक कप गाजर के रस में नीबू निचोड़कर पिएं !
* गन्ने के ताजे रस में नीबू तथा सेंधा नमक मिलाकर पीने से मूत्र की जलन दूर होती है !
मूत्र खुलकर आता है !
* एक कप ककड़ी के रस में शक्कर मिलाकर सेवन करें !
* यदि पेशाब करते समय दर्द होता हो तो दूध में सोंठ और मिश्री मिलाकर सेवन करें !
* गुर्दे की खराबी के कारण यदि पेशाब बंद हो गया हो तो एक चम्मच मूली के रस में जरा - सा सेंधा नमक मिलाकर पी जाएं !
* अगर पेशाब में रक्त आता हो तो कुलफा के साग के पत्तों का रस चार - चार चम्मच की मात्रा में दिनभर में तीन बार पिएं !
* यदि पेशाब में रक्त आने की शिकायत हो तो एक चम्मच दूब के रस में जरा - सी नागकेसर मिलाकर सेवन करें ! - 6 माशा जवाखार में गुड़ मिला कर सेवन करें !
* नीबू के बीजों को पीसकर नाभि पर लेप करने से रुका हुआ पेशाब शीघ्र आने लगता है !
* केले के तने का रस चार चम्मच पीने से पेशाब आ जाता है !
* सुबह - शाम एक - एक चम्मच काले तिल चबाकर खाना चाहिए !
* आधा चम्मच अजवायन दिन में दो बार गुनगुने पानी से सेवन करें !
* आंवले के एक चम्मच रस में एक चुटकी हल्दी तथा आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें !
* अनन्नास की फांकों पर पीपल का चूर्ण डालकर खाएं !
* मसूर की दाल सुबह पकवाकर खाली पेट पिएं !
* सेब खाने से बार - बार पेशाब आना कम हो जाता है !
* काले तिल में गुड़ मिलाकर खाने से बहुमूत्र रोग ठीक हो जाता है !
* दो चम्मच पालक के रस में काला नमक डालकर सेवन करें !
* रात को दूध में छुहारा डालकर पिएं !
* 1 ग्राम जावित्री तथा 5 ग्राम मिश्री को गाय के दूध के साथ लें !
* भुने हुए चने खाने से बार - बार पेशाब जाने की हालत ठहर जाती है !
* 3 ग्राम खसखस के दाने थोड़े से गुड़ में मिलाकर खा जाएं !
* पके हुए केले को आंवले के रस के साथ सेवन करें - पहले केला खाएं - ऊपर से रस पी लें !
* सुबह - शाम 5 - 5 ग्राम पिसी हल्दी को दूध के साथ लेने से बहुमूत्रता की व्याधि खत्म हो जाती है !

$ क्या खाएं ~ क्या नहीं ..... ?
उचित समय पर पचने वाला हल्का भोजन करें !
सब्जियों में लौकी - तरोई - टिण्डा - परवल - गाजर - टमाटर - पालक - मेथी - बथुआ - चौलाई - कुलफा आदि का सेवन करें !
दालों में मूंग व चने की दाल खाएं !
अरहर - मलका - मसूर - मोठ - लोबिया - काबुली चने आदि का सेवन न करें !
फलों में सेब - पपीता - केला - नारंगी - संतरा - ककड़ी - खरबूजा - तरबूज - चीकू आदि खाएं !

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