सोमवार, 24 जुलाई 2017

आखिर ! कब, कहां और किस लिए तुलसीदास जी ने की "श्री हनुमान चालीसा की रचना

।।। राम राम राम राम राम ।।।
,,,,,,,डा.अजय दीक्षित,,,आखिर ! कब, कहां और किस लिए तुलसीदास जी ने की "श्री हनुमान चालीसा की रचना"
🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛
   हनुमान चालीसा की रचना
भगवान को अगर किसी युग में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है तो वह युग है :- कलियुग। इस कथन को सत्य करता एक दोहा रामचरितमानस में तुलसीदास जी ने लिखा है :-
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

कलियुग केवल नाम अधारा ,
सुमिर सुमिर  नर उतरहि  पारा।

🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

जिसका अर्थ है की कलयुग में मोक्ष प्राप्त करने का एक ही लक्ष्य है वो है भगवान का नाम लेना। तुलसीदास ने अपने पूरे जीवन में कोई भी ऐसी बात नहीं लिखी जो गलत हो। उन्होंने अध्यात्म जगत को बहुत सुन्दर रचनाएँ दी हैं।

🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮

गोश्वामी तुलसीदास और अकबर
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿

हनुमान चालीसा की रचना
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

ये बात उस समय की है जब भारत पर मुग़ल सम्राट अकबर का राज्य था। सुबह का समय था एक महिला ने पूजा से लौटते हुए तुलसीदास जी के पैर छुए। तुलसीदास जी ने  नियमानुसार उसे सौभाग्यशाली होने का आशीर्वाद दिया।

🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈

आशीर्वाद मिलते ही वो महिला फूट-फूट कर रोने लगी और रोते हुए उसने बताया कि अभी-अभी उसके पति की मृत्यु हो गई है।

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
इस बात का पता चलने पर भी तुलसीदास जी जरा भी विचलित न हुए और वे अपने आशीर्वाद को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे। क्योंकि उन्हें इस बात का ज्ञान भली भाँति था कि भगवान राम बिगड़ी बात संभाल लेंगे और उनका आशीर्वाद खाली नहीं जाएगा।
📖📖📖📖📖📖📖📖📖📖📖📖📖📖📖

उन्होंने उस औरत सहित सभी को राम नाम का जाप करने को कहा। वहां उपस्थित सभी लोगों ने ऐसा ही किया और वह मरा हुआ व्यक्ति राम नाम के जाप आरंभ होते ही जीवित हो उठा।

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
यह बात पूरे राज्य में जंगल की आग की तरह फैल गयी। जब यह बात बादशाह अकबर के कानों तक पहुंची तो उसने अपने महल में तुलसीदास को बुलाया और भरी सभा में उनकी परीक्षा लेने के लिए कहा कि कोई चमत्कार दिखाएँ।

🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂

ये सब सुन कर तुलसीदास जी ने अकबर से बिना डरे उसे बताया की वो कोई चमत्कारी बाबा नहीं हैं, सिर्फ श्री राम जी के भक्त हैं।

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩


गोश्वामी तुलसीदास हनुमान चालीसा के रचयिता

🎿🎿🎿🎿🎿🎿🎿🎿🎿🎿🎿🎿🎿🎿🎿

अकबर इतना सुनते ही क्रोध में आ गया और उसने उसी समय सिपाहियों से कह कर तुलसीदास जी को कारागार में डलवा दिया। तुलसीदास जी ने तनिक भी प्रतिक्रिया नहीं दी और राम का नाम जपते हुए कारागार में चले गए।

🔯🔯🔯🔯🔯📖📖📖📖📖📖📖📖📖🔯🔯🔯🔯

उन्होंने कारागार में भी अपनी आस्था बनाए रखी और वहां रह कर ही हनुमान चालीसा की रचना की और लगातार 40 दिन तक उसका निरंतर पाठ किया।

🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛🔛
हनुमान चालीसा चमत्कार
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

चालीसवें दिन एक चमत्कार हुआ। हजारों बंदरों ने एक साथ अकबर के राज्य पर हमला बोल दिया। अचानक हुए इस हमले से सब अचंभित हो गए।

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

अकबर एक सूझवान बादशाह था इसलिए इसका कारण समझते देर न लगी।  उसे भक्ति की महिमा समझ में आ गई। उसने उसी क्षण तुलसीदास जी से क्षमा मांग कर कारागार से मुक्त किया और आदर सहित उन्हें विदा किया।

🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪

इतना ही नहीं अकबर ने उस दिन के बाद तुलसीदास जी से जीवनभर मित्रता निभाई।
इस तरह तुलसीदास जी ने एक व्यक्ति को कठिनाई की घड़ी से निकलने के लिए हनुमान चालीसा के रूप में एक ऐसा रास्ता दिया है। जिस पर चल कर हम किसी भी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं।
इस तरह हमें भी भगवान में अपनी आस्था को बरक़रार रखना चाहिए। ये दुनिया एक उम्मीद पर टिकी है। अगर विश्वास ही न हो तो हम दुनिया का कोई भी काम नहीं कर सकते।

🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪🎪
                   ।। जय सियाराम 🚩।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें