शनिवार, 12 जनवरी 2019

ब्रह्मवैवर्त पुराण में कलियुग के अंत का वर्णन :

ब्रह्मवैवर्त पुराण में कलियुग के अंत का वर्णन :

🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒 आचार्य डा.अजय दीक्षित

     




आने वाले समय में 16 की उम्र में ही आएगा बुढ़ापा !

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ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि कलियुग में ऐसा समय भी आएगा जब इंसान की उम्र बहुत कम रह जाएगी,युवावस्था समाप्त हो जाएगी।
इस पुराण में कलियुग में किस प्रकार का वातावरण रहेगा,इंसानों का जीवन कैसा रहेगा,स्त्री और पुरुष 
के बीच कैसे संबंध रहेंगे आदि बातों की भविष्यवाणी की गई है।
यहां जानिए इस पुराण में कलियुग के लिए क्या-क्या भविष्यवाणी पहले से ही कर दी गई है...
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इंसानों की उम्र हो जाएगी बहुत कम

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कलियुग में इंसानों की उम्र बहुत कम हो जाएगी। स्त्री और पुरुष,दोनों ही रोगी और थोड़ी उम्र वाले हो जाएंगे।
16 वर्ष की आयु में ही लोगों के बाल पक जाएंगे और वे 20 वर्ष की आयु में ही वृद्ध हो जाएंगे। युवावस्था समाप्त हो जाएगी। 
यह बात सच भी प्रतीत होती है,क्योंकि प्राचीन काल में इंसानों की औसत उम्र करीब 100 वर्ष रहती थी।
उस काल में 100 वर्ष से अधिक जीने वाले लोग 
भी हुआ करते थे,लेकिन आज के समय में इंसानों 
की औसत आयु बहुत कम (60-70 वर्ष) हो गई है। 
भविष्य में भी इंसानों की औसत उम्र में कमी आने 
की संभावनाएं काफी अधिक हैं,क्योंकि प्राकृतिक वातावरण लगातार बिगड़ रहा है और हमारी 
दिनचर्या असंतुलित हो गई है। 
पुराने समय में लंबी उम्र के बाद ही बाल सफेद 
होते थे,लेकिन आज के समय में युवा अवस्था 
में ही स्त्री और पुरुष दोनों के बाल सफेद हो 
जाते हैं। 
जवानी के दिनों में बुढ़ापे के रोग होने लगते हैं।

पुरुष होंगे स्त्रियों के अधीन

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भगवान नारायण ने स्वयं नारद को बताया है कि कलियुग में एक समय ऐसा आएगा जब सभी 
पुरुष स्त्रियों के अधीन होकर जीवन व्यतीत करेंगे। 
हर घर में पत्नी ही पति पर राज करेगी। 
पतियों को डाट-डपट सुनना पड़ेगी,पुरुषों की 
हालत नौकरों के समान हो जाएगी।
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गंगा भी लौट जाएगी वैकुंठ धाम !

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कलियुग के पांच हजार साल बाद गंगा नदी सूख जाएगी और पुन: वैकुण्ठ धाम लौट जाएगी। 
जब कलियुग के दस हजार वर्ष हो जाएंगे तब 
सभी देवी-देवता पृथ्वी छोड़कर अपने धाम लौट जाएंगे। 
इंसान पूजन-कर्म,व्रत-उपवास और सभी धार्मिक काम करना बंद कर देंगे।
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अन्न और फल नहीं मिलेगा !

एक समय ऐसा आएगा,जब जमीन से अन्न उपजना बंद हो जाएगा। पेड़ों पर फल नहीं लगेंगे। 
धीरे-धीरे ये सारी चीजें विलुप्त हो जाएंगी। 
गाय दूध देना बंद कर देगी।
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समाज हिसंक हो जाएगा

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कलियुग में समाज हिंसक हो जाएगा। 
जो लोग बलवान होंगे उनका ही राज चलेगा। मानवता नष्ट हो जाएगी। 
रिश्ते खत्म हो जाएंगे। 
एक भाई दूसरे भाई का ही शत्रु हो जाएगा।
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लोग देखने-सुनने और पढऩे लगेंगे अनैतिक चीजें !

कलियुग में लोग शास्त्रों से विमुख हो जाएंगे। अनैतिक साहित्य ही लोगों की पसंद हो जाएगा। 
बुरी बातें और बुरे शब्दों का ही व्यवहार किया जाएगा।
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स्त्री और पुरुष, दोनों हो जाएंगे अधर्मी !

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कलियुग में ऐसा समय आएगा जब स्त्री और पुरुष, दोनों ही अधर्मी हो जाएंगी। 
स्त्रियां पतिव्रत धर्म का पालन करना बंद कर देगी और पुरुष भी ऐसा ही करेंगे। 
स्त्री और पुरुषों से संबंधित सभी वैदिक नियम विलुप्त हो जाएंगे।
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चोर और अपराधियों की संख्या बहुत अधिक हो जाएगी !

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इस काल में चोर और अपराधियों की संख्या इतनी अधिक बढ़ जाएगी कि आम इंसान ठीक से जीवन जी नहीं पाएगा। 
लोग एक- दूसरे के प्रति हिंसक हो जाएंगे और 
सभी के मन में पाप प्रवेश कर जाएगा।
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कल्कि अवतार करेगा अधर्मियों का विनाश !

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कलियुग के अंतिम काल में भगवान विष्णु का 
कल्कि अवतार होगा। 
यह अवतार विष्णुयशा नामक ब्राह्मण के घर 
जन्म लेगा। 
भगवान कल्कि सभी अधर्मियों का नाश करेंगे।
भगवान कल्कि केवल तीन दिनों में पृथ्वी से समस्त
अधर्मियों का नाश कर देंगे और बहुत सालों तक विश्व पर शासन कर धर्म की स्थापना करेंगे।
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युग के अंत में ऐसे आएगा प्रलय

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कलियुग में अंतिम समय में बहुत मोटी धारा से लगातार वर्षा होगी,जिससे चारों ओर पानी ही 
पानी हो जाएगा। 
समस्त पृथ्वी पर जल हो जाएगा और प्राणियों 
का अंत हो जाएगा। 
इसके बाद 1,70,000 वर्षों का संधिकाल (एक युग के अंत और दूसरे युग के प्रारंभ के बीच के समय को संधिकाल कहते हैं)। 
संधिकाल के अंतिम चरण में एक साथ बारह सूर्य उदय होंगे और उनके तेज से पृथ्वी सूख जाएगी 
और पुनः सत्ययुग का प्रारंभ होगा।
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यह पुराण कहता है कि इस ब्रह्माण्ड में असंख्य 
विश्व विद्यमान हैं। 
प्रत्येक विश्व के अपने-अपने विष्णु, ब्रह्मा और 
महेश हैं। 
इन सभी विश्वों से ऊपर गोलोक में भगवान 
श्रीकृष्ण निवास करते हैं। 
इस पुराण के चार खण्ड हैं- ब्रह्म खण्ड, 
प्रकृति खण्ड,गणपति खण्ड और श्रीकृष्ण 
जन्म खण्ड। 
इन चारों में दो सौ अठारह अध्याय हैं।

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