मंगलवार, 17 जनवरी 2017

।। ऊँ ।। तीन देवियों की रहस्यमयी उत्पत्ति ।। ऊँ ।।

               ।। राम ।।
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                   गीत
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।। रचनाकार ।।:---डा.अजय दीक्षित " अजय "

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जब नौ शक्ती एक मे मिली जन्मी एक बाला है ।
है कर मे भाला और गले मणियों की माला है ।।
जगकीये$$$$ महामाईहै।
माई-माई आई है ।।
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१--
मंगल करती है मंगलकारी:
शेर का मुख औरशेरसवारी
भवभय हरती हैभवभयहारी
पहने हुए बाघाम्बर कीसारी
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चमके मस्तक पे चन्द्रमा कर करिया कला है ।
बैठे करतल मे विश्वकर्मा कर धनुष सम्हाला है ।।

                   ( प्रथम अवतार:::माता वेदगर्भा )

२----

मन चंचल तन सोहन
गज का मुख और गज ही वाहन ।
नैनों मे है सम्मोहन
गज चर्म की सारी मनमोहन।।
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एक अचम्भा रुप अनोखा सबसे निराला है ।
बैठे गणपति करतल में
कर रूद्राक्ष की माला है ।।

                      ( द्वितीय अवतार ::: माता क्षेम्या )

३------

रखती सबकी खबर है
मोरहै वाहन मोर का सर है।
मोर मुकुट सर सुघर है
काला वदन कर मे खप्पर है।।
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देख अजय असुरों का सिंहासन पल मे हाला है।
हैं वीर षडानन करतल में मुख चन्द्र उजाला है।।

जग की ये$$$$$महामाई है। माई माई आई है ।।

( तृतीय अवतार ::: माता क्षेमकरी )

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