रविवार, 15 जुलाई 2018

हिन्दू धर्म में कुछ संख्याओं का विशेष महत्व है -

🔥हिन्दू धर्म के विशिष्ट नाम🔥
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हिन्दू धर्म में कुछ संख्याओं का विशेष महत्व है -

⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️ आचार्य,डा.अजय दीक्षित
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1) *एक ओंकार* (ॐ)
2) *दो लिंग* - नर और नारी ।
*दो पक्ष*- शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
*दो पूजा* - वैदिकी और तांत्रिकी।
*दो अयन*- उत्तरायन और दक्षिणायन।
3) *तीन देव* - ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।
*तीन देवियाँ*- सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती।
*तीन लोक* - पृथ्वी, आकाश, पाताल।
*तीन गुण* - सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।
*तीन स्थिति* - ठोस, द्रव, गैस।
*तीन स्तर* - प्रारंभ, मध्य, अंत।
*तीन पड़ाव* - बचपन, जवानी, बुढ़ापा।
*तीन रचनाएँ* - देव, दानव, मानव।
*तीन अवस्था* - जागृत, मृत, बेहोशी।
*तीन काल* - भूत, भविष्य, वर्तमान।
*तीन नाड़ी* - इडा, पिंगला, सुषुम्ना।
*तीन संध्या* - प्रात:, मध्याह्न, सायं।
*तीन शक्ति* - इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।
4) *चार धाम* - बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।
*चार मुनि* - सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।
*चार वर्ण* - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
*चार निति* - साम, दाम, दंड, भेद।
*चार वेद* - सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।
*चार स्त्री* - माता, पत्नी, बहन, पुत्री।
*चार युग* - सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।
*चार समय* - सुबह, शाम, दिन, रात।
*चार अप्सरा* - उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।
चार गुरु - माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।
*चार प्राणी* - जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।
*चार जीव* - अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।
*चार वाणी* - ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।
*चार आश्रम* - ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।
*चार भोज्य प्रकार* - खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।
*चार पुरुषार्थ* - धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।
*चार वाद्य* - तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।
5) *पाँच तत्व* - पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।
*पाँच देवता* - गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।
*पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ*- आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।
*पाँच कर्म*- रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।
*पाँच - उंगलियां* - अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।
*पाँच पूजा* उपचार -गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।
*पाँच अमृत* - दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।
*पाँच प्रेत* - भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।
*पाँच स्वाद* - मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।
*पाँच वायु* - प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।
*पाँच इन्द्रियाँ*- आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।
*पाँच वटवृक्ष*- सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (इलाहाबाद), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।
*पाँच पत्ते*- आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।
पाँच कन्या - अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।
6) *छ: ॠतु* - शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।
*छ: ज्ञान* के अंग - शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।
*छ: कर्म* - देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।
*छ: दोष* - काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच),  मोह, आलस्य।
7) *सात छंद* - गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।
*सात स्वर* - सा, रे, ग, म, प, ध, नि।
*सात सुर* - षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।
*सात चक्र* - सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।
*सात वार* - रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।
*सात मिट्टी* - गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।
*सात महाद्वीप* - जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।
*सात ॠषि* - वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।
*सात ॠषि* 2 - वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।
*सात धात*ु (शारीरिक) - रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।
*सात रंग* - बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।
*सात पाताल* - अतल, वितल, सुतल, तलातल,महातल, रसातल, पाताल।
*सात पुरी* - मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।
*सात धान्य* - उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।
8) *आठ मातृका - ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।
*आठ लक्ष्मी*  - आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।
*आठ वसु* - अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।
*आठ सिद्धि* - अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।
आठ धातु - सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।
9) *नवदुर्गा* - शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।
नवग्रह - सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।
नवरत्न - हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।
*नवनिधि* - पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।
10) *दस महाविद्या* - काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।
*दस दिशाएँ* - पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।
*दस दिक्पाल* - इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।
*दस अवतार* (विष्णुजी) - मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।
*दस सति* - सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।
*🌸🍂जय राम जी की🍂🌸*

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