गोरखनाथ शाबर मंत्र : –
यह गुरु गोरखनाथ जी का एक शक्तिशाली मंत्र है | यह मंत्र गुरु गोरखनाथ द्वारा सिद्ध होने के कारण तुरंत प्रभाव दिखता है | इस Gorakhnath Mantra मंत्र का प्रयोग किसी भी व्यक्ति पर किये-कराये व सभी प्रकार के वशीकरण के प्रभाव को खत्म करने के लिए किया जा सकता है |
1. गुरु गोरखनाथ शाबर मंत्र / Guru Gorakhnath Mantra : –
ॐ वज्र में कोठा, वज्र में ताला
वज्र में बंध्या दस्ते द्वारा
तहां वज्र का लग्या किवाड़ा
वज्र में चौखट, वज्र में कील
जहां से आय, तहां ही जावे
जाने भेजा, जांकू खाए
हमको फेर न सूरत दिखाए
हाथ कूँ, नाक कूँ, सिर कूँ
पीठ कूँ, कमर कूँ, छाती कूँ
जो जोखो पहुंचाए
तो गुरु गोरखनाथ की आज्ञा फुरे
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति
फुरो मंत्र इश्वरोवाचा ||
मंत्र प्रयोग विधि : – सात कुओं से जल लाकर इस जल को एक पात्र में एकत्रित कर रोगी को स्नान कराये | रोगी को स्नान कराते समय उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करते रहे | वशीकरण व किये-कराये के प्रभाव से रोगी को तुरंत आराम मिलेगा |
2. Guru Gorakhnath Mantra/ गुरु गोरखनाथ शाबर मंत्र : –
ॐ नमो महादेवी
सर्वकार्य सिद्धकर्णी जो पाती पुरे
ब्रह्मा विष्णु महेश तीनो देवतन
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति
श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ||
मंत्र प्रयोग विधि : – सांसारिक जीवन में आने वाली सभी पीडाएं और बाधाएं इस शाबर मंत्र के जाग्रत करने से दूर होने लगती है | इसलिए समस्या कोई भी इस शाबर मंत्र के प्रयोग से दूर होती है | उपरोक्त मंत्र का शाम को 6 बजे के बाद कभी भी उच्चारण किया जा सकता है | इस मंत्र का नियमित कम से कम 27 बार जप करना चाहिए |
शाबर मंत्रो से पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए इन्हें जाग्रत करने की आवश्यकता होती है | किसी भी शाबर मन्त्र को जाग्रत करने के लिए शाम के 06 बजे से रात्रि 09 बजे के बीच एक समय निश्चित कर 21 दिन तक प्रतिदिन गोबर के उपले की अग्नि प्रज्वल्लित कर इलायची के दानों द्वारा 108 मंत्र की आहूति दे |
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पूरे नाथ सम्प्रदाय के गुरु कहे जाने वाले गुरु गोरखनाथ को 84 सिद्धियाँ प्राप्त थी | जिनमें वशीकरण और जीवन की सुख-सुविधाओं को प्राप्त करने वाली अनेक सिद्धियाँ थी | गुरु गोरखनाथ ने अनेक शाबर मन्त्रों की रचना की | ऐसी -ऐसी गूढ़ तंत्र विद्याएँ जिनसे लोग पहले अवगत नहीं थे, गुरु गोरखनाथ द्वारा ये तंत्र विद्याएँ चलन में आई | Guru Gorakhnath Mantra/ गुरु गोरखनाथ, भगवान शिव के भक्त थे व ऐसा माना जाता है कि ये सभी मंत्र उन्हें भगवान शिव द्वारा ही प्राप्त हुए थे | |