सम्वत्सर १८८४ में मदारपुर के जमींदार
भुंइहार ब्राह्मणों से और यवनों से घोर युद्ध
हुआ। सारे भुंइहार ब्राह्मण मारे गये ।
केवल अनन्तराम बिप्र की गर्भवती स्त्री
बची। जिसके एक पुत्र हुआ । जिसका नाम गर्भू रखा उसी से भुंइहार वंश आगे बढा ।
कश्यप गोत्रीय चिलौली के सुखमणि त्रिपाठी ने पालन पोषण किया। और व्याह कराके कुतमऊ गांव में बसा दिया। और कुतमउहा तिवारी काश्यप गोत्र की उपाधि दी । स्योना नाई ने गर्भू की मां को दुश्मनों से बचाया था। इस लिए इनके यहां स्मृति चिन्ह के रूप में आज भी :--मांगलिक कार्यों में अस्तुरा और कटोरी की पूजा होती है ।
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काश्यप गोत्र भुंइहार ब्रह्मण तिवारियों का स्थान
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स्थान. असामी. विस्वा
काश्यप गोत्र भुंइहार ब्रह्मण तिवारियों का स्थान
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स्थान. असामी. विस्वा
कुतमऊ के / गर्भू. / ७
मदारपुर के. / गौरी. /. १०
"""""""""""'''''''. / मोहन /. ९
""""""""""""''"""""/ परमसुख. / ९
"'""""""""""""""""'/ कमोरी /. ९
""""""""""""""""'/, रमनी. /. ९
विहारपुर के. / गणेश. /. ८
कुलमऊ पुर के / सीताराम /. ५
बडौरा के. / शांति /. १०
तिलौरी के / कर्ण. /. ५
गलाथे के / जयराम. ,/. ७
तिवारी पुर के. / तिवारी. / २
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काश्यप गोत्र भुंइहार ब्राह्मण दीक्षितों का स्थान:-+-----
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स्थान. असामी विस्वा
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स्थान. असामी विस्वा
भागीरथ के. /परमाई. /. ३
क्युना के /, रतने. / १०
क्युना मदारपुर के / गोपी. /. ५
:::::::कुतमऊ के. / देवदत्त /. ६
:::::::::::::::::::::. / थलई /. ४
::::::::::::::::;:;;;;;; / रूपई /. ४
शिवली के. / गिरधर. /. ४
विहारपुर के. / गोपाल. /. २
बानपुर के. / गंगा. /. १०
बिहारपुर के. / चन्द. /. २
सिहुडा के /खेमे. /. १
कोडरी के. / खेमे. / २
गरहा के. / खेमे. /. . २
शाहाबाद के. / खेमे. /. २
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काश्यप गोत्र भुंइहार ब्राह्मण दुबे:--------
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स्थान असामी विस्वा
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स्थान असामी विस्वा
सगुनापुर के. / चंदन. /. ४
चिनहारपुर के. / त्रिभुवन. /. ३
गल्हैया के. / ठकुरी. /. ४
खुडहा बिनवारी. के. / लखनी. / २
मगरोयल के. / बहादुर /. ७
विठूर के. / जयपाल. /. . ४
लहुरी के. / दुबे. / २
इक्षावरी के. / दुबे. /. २
ठाठविलार के. ,/ दुबे. /. २
सदनिहा के. ,/सीरू. /. २
बिहार के. / सीरू. /. २
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काश्यप गोत्र भुंइहार ब्राह्मण अग्निहोत्री;----------
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स्थान. असामी. विस्वा
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स्थान. असामी. विस्वा
विनौर के. / जगनु. /. ५
अमृतपुर के. / भग्गा. /. ४
लखनऊ के. / जुडावन. /. ४
कठेरूआ के. /. शीतल. /. ४
कलहा के. / खिरऊ /. १०
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काश्यप गोत्र भुंइहार ब्राह्मण शुक्ल अवस्थी मिश्र:-----
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स्थान असामी. विस्वा
घिघौली के. / गोबर्धन शुक्ल /. ५
रिवाडी के. / सुन्दर शुक्ल. /. ४
मिगलानी के. ,/ साहब अवस्थी. /. ३
खुरभुवाआ के / यज्ञ अवस्थी. /. ४
ख्युरा के. / आशादत्ती अवस्थी. /. २
बबुआ के. / हरी अवस्थी. /. १०
कृपानपुर के / रामकृष्ण मिश्र. /. ५
नगरा के. / देवकीनंदन मिश्र. /. ३
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।। इति भुंइहार ब्राह्मण काश्यप गोत्रम ।।
क्यूना के दीक्षित ही गाजीपुर में किनवार मूल के भुइंहार ब्राह्मण कहे गए। भुइं शब्द का अर्थ जमीन या भूमि होता है। भोजपुरी में जमीन को भुइंया (भुइंया जाति नही) कहते हैं। क्या आप भूमिहार ब्राह्मण और भुइंहार ब्राह्मण को अलग अलग मानते हैं। वैसे जानकारी के लिए अवगत करा दू कि भूमिहार को ही ग्रामीण भाषा में भूंइहार भी कहते हैं। पूर्वांचल में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहार को भुइंहार ही कहा जाता है। वैसे भी वृहतकान्यकुब्ज वंशावली कृत दुर्गा दत्त शर्मा त्रिपाठी जी ने मदारपुर युद्ध के आधार पर भूमिहार और भुइंहार को एक ही माना है। भुइंहार अपभ्रंश है भूमिहार का। आपके मत और मार्गदर्शन की प्रतीक्षा रहेगी।
जवाब देंहटाएंक्यूना के दीक्षित ही गाजीपुर में किनवार मूल के भुइंहार ब्राह्मण कहे गए। भुइं शब्द का अर्थ जमीन या भूमि होता है। भोजपुरी में जमीन को भुइंया (भुइंया जाति नही) कहते हैं। क्या आप भूमिहार ब्राह्मण और भुइंहार ब्राह्मण को अलग अलग मानते हैं। वैसे जानकारी के लिए अवगत करा दू कि भूमिहार को ही ग्रामीण भाषा में भूंइहार भी कहते हैं। प्राचीन खतौनी में भी भुइंहार ब्राह्मण या भुइंहार बाभन ही लिखा गया है। पूर्वांचल में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहार को भुइंहार ही कहा जाता है। वैसे भी वृहतकान्यकुब्ज वंशावली कृत दुर्गा दत्त शर्मा त्रिपाठी जी ने मदारपुर युद्ध के आधार पर भूमिहार और भुइंहार को एक ही माना है। भुइंहार अपभ्रंश है भूमिहार का। आपके मत और मार्गदर्शन की प्रतीक्षा रहेगी।
जवाब देंहटाएंSir sandilya gotta ke baare me bataye
जवाब देंहटाएंमेरा भी गोत्र शांडिल्य है और मूल dighvait है।मेरे उद्भव और मूल पुरुष पर प्रकाश डालें।
जवाब देंहटाएं